श्री अलकेश कुमार शर्मा, आईएएस आईएएस सचिव | 24 मार्च, 2023
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का दृष्टिकोण भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है। राष्ट्रीय सूचना- विज्ञान केंद्र, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) विभिन्न ई-गवर्नेंस प्रणाली को लागू करने में सबसे आगे रहा है जिसने सरकार के कामकाज में उल्लेखनीय प्रभाव डाला है। सरकार का ये उत्पाद, प्लेटफॉर्म और सेवाएं नागरिकों को गांवों और ब्लॉकों के जमीनी स्तर से सरकारी पहलों का लाभ उठाने में सक्षम बना रही हैं।
एनआईसी की सरकारी खरीद प्रणाली, जो एक दशक से अधिक समय से इलेक्ट्रॉनिक टेंडरिंग की सुविधा प्रदान कर रही है और 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 100 लाख से अधिक निविदाओं को संसाधित किया है, ने G2G संचालन को बदलने में एक असाधारण भूमिका निभाई है। साल दर साल माननीय प्रधान मंत्री को भेंट की गई उपहार वस्तुओं की नीलामी का सुचारू संचालन एनआईसी की एक अन्य उपलब्धि है ।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी अवार्ड्स (नेस्डा) में शीर्ष रैंक हासिल करना, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक द्वारा प्रमाणन, व्यापक प्रसार स्वीकृति और संभावित वृद्धि के कारण को संक्षेप में प्रस्तुत करता है ।
हमारी टीम के साथ घनिष्ठ सहयोग और उनका मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय को मेरा विशेष धन्यवाद ।
मैं सरकार और उद्योग तथा एनआईसी के सभी उपयोगकर्ताओं को इस महत्वपूर्ण सफर के लिए बधाई देता हूं और भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करता हूं ।